Etah News: जीएसटी रिफंड में कर डाला बड़ा फर्जीवाड़ा...सरकारी खजाने से हड़पे 2.57 करोड़ रुपये, अधिकारी भी शामिल

 


उत्तर प्रदेश के एटा जिले में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जीएसटी रिफंड के नाम पर सरकारी खजाने से 2.57 करोड़ रुपये हड़प लिए गए। इस मामले में 5 फर्मों और तीन अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है। 


बोगस फर्मों के माध्यम से 2.57 करोड़ के आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) गोलमाल में जीएसटी के दो अधिकारी और एक कर्मचारी फंस गए हैं। इनके विरुद्ध विभाग की ओर से ही कोतवाली नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जलेसर की 5 बोगस फर्मों के नाम मिलीभगत से यह रिफंड दिलाने का आरोप है।

राज्य कर अधिकारी अरुण कुमार ने मामला दर्ज कराया है। इसमें लिखा है कि श्री श्याम एंटरप्राइजेज, सृष्टि एंटरप्राइजेज, ओन आर्टिफिशल, निधि एंटरप्राइजेज और जैन एंटरप्राइजेज नाम से जलेसर की इन फर्मों ने फर्जी (बोगस) प्रपत्रों के आधार पर आईटीसी क्लेम करते हुए रिफंड आवेदन किया। राज्य कर विभाग से 25721297 रुपये का भुगतान प्राप्त कर लिया।

जुलाई 2025 को खंड पुनर्गठन के दौरान ये फर्में खंड-1 में आईं तो मामला पता लगा और 28 अगस्त को इन पांचों फर्मों के विरुद्ध जलेसर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। खंड 2 के सहायक आयुक्त सुशील ने 7534931 और तत्कालीन राज्य कर अधिकारी प्रशांत कुमारी ने तत्कालीन प्रधान सहायक दुष्यंत कुमार के सहयोग सेइन फर्मों से मिलीभगत करते हुए जान-बूझकर रिफंड जारी कराया।

केंद्रीय जीएसटी की छापे में खुली थी पोल
बोगस फर्मों के जरिये करोड़ों के गोलमाल की पोल केंद्रीय जीएसटी की टीम के छापे में खुली थी। इस टीम ने जलेसर में 27 अगस्त को आकर छापा मारा था। दर्शाई गई फर्मों के स्थान पर इकाइयां संचालित नहीं मिलीं। कहीं मशीनें मिली भी तो काम नहीं किया जा रहा था।

आजीवन कारावास तक की सजा
राज्य कर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोतवाली नगर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (5) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके प्रावधानों के अनुसार अपराध सिद्ध होने पर 10 साल के कठोर कारावास, जुर्माने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

पहले से निलंबित हैं राज्य कर अधिकारी
मामले में आरोपी बनाई गईं राज्य कर अधिकारी प्रशांत कुमारी पहले से एक अन्य मामले में निलंबित चल रहीं हैं। वर्तमान में वह कानपुर मुख्यालय में संबद्ध हैं।

मामले में विभागीय जांच जारी है। जिन लोगों की संलिप्तता सामने आई है उन पर अभियोग दर्ज कराया गया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। वहीं से आगे की कार्रवाई की जाएगी। -राकेश कुमार राव, डीसी जीएसटी

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