Kasganj news:महिला गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता के हनन पर समाजसेवियों का कड़ा रुख, राज्यपालों को सौंपा ज्ञापन

 

 महिला गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता के हनन पर समाजसेवियों का कड़ा रुख, राज्यपालों को सौंपा ज्ञापन



 जिला संवाददाता मोरध्वज कुमार

      JSK News


पटियाली/लखनऊ/पटना (18 दिसंबर, 2025): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला डॉक्टर का हिजाब हटाए जाने और उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद की विवादित बयानबाजी के खिलाफ समाजसेवियों ने मोर्चा खोल दिया है। महिला सम्मान, धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक मर्यादाओं की रक्षा के लिए समाजसेवियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश और बिहार के राज्यपालों को संबोधित एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा।

क्या है पूरा मामला?

​हाल ही में पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब/बुर्का सार्वजनिक रूप से हटाने की घटना सामने आई थी। इस घटना को समाजसेवियों ने महिला की निजता और मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद द्वारा इस मामले पर दी गई 'अभद्र' टिप्पणी ने आग में घी डालने का काम किया है।

प्रमुख मांगें:

​ज्ञापन में समाजसेवियों ने स्पष्ट रूप से निम्नलिखित मांगें रखी हैं:

  • FIR की मांग: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री संजय निषाद के विरुद्ध उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
  • मर्यादा का पालन: संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को भविष्य में ऐसी अभद्र भाषा और कृत्य से रोकने के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
  • निजता का संरक्षण: महिला की व्यक्तिगत गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखने पर जोर।
  • "किसी भी महिला की गरिमा और उसकी धार्मिक स्वतंत्रता संविधान की आत्मा है। चाहे वह मुख्यमंत्री हों या मंत्री, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। सार्वजनिक मंच से महिला के पहनावे के साथ छेड़छाड़ करना और अभद्र टिप्पणी करना निंदनीय है।"

    अब्दुल हफीज गांधी (एडवोकेट एवं समाजसेवी)


    प्रतिनिधिमंडल में ये रहे शामिल

    ​अब्दुल हफीज गांधी ने स्पष्ट किया कि यह कदम पूरी तरह गैर-राजनीतिक है और इसका उद्देश्य समाज में सौहार्द और संवैधानिक मूल्यों को बचाना है। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से नफीस खान, अरशद खान, मोहसिन खान, परवेज कुरैशी, नदीम शाह, अकरम कुरैशी और चांद अली सहित कई समाजसेवी मौजूद रहे।

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