एटा :– शहर और कस्बों में लग रहे स्मार्ट मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं की शंकाएँ अब दूर होती दिख रही हैं। बिजली विभाग द्वारा 29 से 30 अगस्त तक 14 स्थानों पर स्मार्ट मीटर और पुराने मीटर को एक साथ चलाकर जांच की गई। जांच में पाया गया कि स्मार्ट मीटर पुराने मीटर की तरह ही खपत दर्ज कर रहे हैं, बल्कि कुछ उपभोक्ताओं के यहाँ 2 प्रतिशत तक कम खपत दर्ज हुई। अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल, एटा सुभाष चन्द्र ने बताया कि जिले में अब तक 24,200 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की यह धारणा गलत है कि स्मार्ट मीटर तेज चलते हैं। स्मार्ट मीटर से बिल की शुद्धता बनी रहती है, ब्याज और भारी बकाया से छुटकारा मिलता है तथा उपभोक्ता अपनी आय के अनुसार बिजली बिल पर नियंत्रण कर सकता है। स्मार्ट मीटर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हर माह की शुरुआत में यह स्वतः रीडिंग बिलिंग प्रणाली को भेज देता है और बिल अपने आप बन जाता है। इस कारण गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं रहती। बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया है कि स्मार्ट मीटर लगाने और पुराने मीटर हटाने का कार्य पूरी तरह नि:शुल्क होगा तथा सभी नए मीटर घर के बाहर लगाए जाएंगे।

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