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पूजन से पहले बाजारों में उमड़ी भीड़, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
जिला संवाददाता मोरध्वज कुमार
गंजडुंडवारा। दीपोत्सव की पूर्व संध्या पर रविवार को नगर के बाजार पूरी तरह जगमगा उठे। सुबह से ही सड़कों पर चहल-पहल बढ़ने लगी। लोग पूजा सामग्री, मिठाइयां और सजावटी वस्तुएं खरीदने के लिए परिवार संग बाजारों का रुख करते नजर आए। सबसे अधिक आकर्षण मिट्टी के गणेश–लक्ष्मी की मनमोहक प्रतिमाओं का रहा, जिन्हें देखने और खरीदने वालों की भीड़ दुकानों पर उमड़ पड़ी।
कुम्हारों के हाथों से गढ़ी ये मिट्टी की मूर्तियां न केवल कला का अद्भुत उदाहरण हैं, बल्कि इनसे पारंपरिक भारतीय संस्कृति की सुगंध भी झलकती है। लोगों ने श्रद्धा भाव से इन्हें खरीदा और घर ले जाते हुए कहा—“मिट्टी के भगवान से घर में सच्चा सुख–समृद्धि आती है।”
त्योहारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। सीओ संदीप वर्मा के निर्देशन में पुलिस बल ने मुख्य चौराहों, मंदिरों और बाजारों में लगातार गश्त की। दुकानदारों के चेहरों पर उत्साह और ग्राहकों के चेहरों पर खुशियों की चमक पूरे दिन बनी रही।
खील–बताशे और चीनी के खिलौनों से खिला बचपन
नगर के फुटपाथों पर सजी खील–बताशे की दुकानों ने दीपोत्सव की खुशबू को और गहरा कर दिया। बच्चों की आंखों में चमक तब दिखी जब उन्होंने रंग-बिरंगे चीनी के खिलौने और गुड़ की मिठाइयां देखीं। बड़े-बूढ़े भी इन दुकानों से गुजरते हुए अपने बचपन की यादों में खो गए।
फाइल फोटो, 2दीयों की रौशनी में दमकता त्यौहार
इस बार मिट्टी के दीयों की बिक्री ने भी रौनक बढ़ा दी। विभिन्न आकार, डिजाइन और रंगों में सजे दीये बाजार में आकर्षण का केंद्र बने रहे। स्थानीय कुम्हारों द्वारा बनाए गए दीयों ने न केवल बाजार की शोभा बढ़ाई बल्कि अपने हुनर से परंपरा को जीवित भी रखा।
दीपोत्सव की इस शाम में गंजडुंडवारा का हर कोना, हर गली और हर आंगन मिट्टी, रोशनी और श्रद्धा की उस सुगंध से महक उठा, जो भारतीय संस्कृति की आत्मा को जीवित रखती है।


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