कासगंज। गंगा में बैराजों से प्रवाह कम होने के कारण गंगा के जलस्तर में 5 सेंटीमीटर की कमी आई है, लेकिन गंगा का जलस्तर बृहस्पतिवार को डेंजर लेवल से 3 सेंटीमीटर ऊपर था। शुक्रवार को गंगा का जलस्तर डेंजर लेवल से नीचे पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। जलस्तर कम होने पर प्रभावित इलाकों में राहत की उम्मीद है।गंगा की बाढ़ से पटियाली गांव मूंजखेड़ा, नगला हंसी, नगला जयकिशन, राजेपुर कुर्रा, नगला तरसी, नगला खंदारी, नेथरा, इंद्राजसनपुर, मेहोला, नवाबगंज नगरिया, टिकुरी गठौरा, कुसौल, जिझोल, पनसोती, अलीपुर भकुरी, रिकहरा, गठैरा, नरदौली पुख्ता सहित आसपास के ग्रामीण के प्रभावित हैं। वहीं सहावर के अजीतनगर, उलाई, रफातपुर, शहवाजपुर, बमनपुरा, चकरा, नगला ढाव, नगला चोखे सहित आसपास के तमाम गांव में पानी कुछ कम हुआ है। अब गंगा का जलस्तर कम होने के साथ ही गांव में भरा पानी भी निकलने लगा है और जलस्तर कम होने पर पानी का भराव भी कम हो जाएगा, लेकिन निचले इलाकों और खेतों में भरा पानी अभी निकल नहीं पा रहा। इस पानी को निकलने में अभी और समय लगेगा। अभी किसान दलदल और जगह-जगह पानी होने के कारण पानी की निकासी का प्रयास नहीं कर पा रहे। इसके कारण खेतों में पानी भरा हुआ है। गंगा के जलस्तर में धीमे धीमे कमी होने के कारण कटान की समस्या जिले में नहीं है। इससे सिंचाई विभाग भी राहत महसूस कर रहा है। बाढ़ और कटानरोधी कार्य भी सुरक्षित हैं। बाढ़ की आपदा का ग्रामीण पूरे माह से सामना कर रहे हैं। ग्रामीणों की मक्का, बाजरा, धान, गन्ना सहित अन्य फसलें गंगा की बाढ़ में प्रभावित हो गई हैं। इसके कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। बाढ़ का पानी प्रभावित इलाकों में भरा होने के कारण प्रशासन के स्तर पर फसलों की क्षति का आकलन नहीं हो पा रहा था। अब पानी कम होने पर क्षति का आकलन होगा। इससे किसानों को आर्थिक मुआवजा भी मिल सकेगा।

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