अमेरिका के दबाव के बीच भारत कर रहा बड़ा कदम, यूरोप के नए बाजार की तरफ बढ़ा कदम


नई दिल्ली: अमेरिका की ओर से उच्च टैरिफ के दबाव और रूस से कच्चे तेल की खरीद के चलते अतिरिक्त पैनल्टी के बीच भारत ने यूरोपीय यूनियन (EU) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) को तेज़ी से अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। अमेरिकी टैरिफ की वजह से भारत पर कुल 50 प्रतिशत तक शुल्क लग चुका है, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा काफी कठिन हो गई है।


सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस हफ्ते यूरोपीय अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली आने वाला है। इन बैठकों में मार्केट एक्सेस, कृषि उत्पादों पर शुल्क, और खासकर शराब व डेयरी उत्पादों से जुड़े विवादों पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही दोनों पक्षों की कोशिश है कि यह समझौता इस साल के अंत तक अंतिम रूप में आ जाए।


नई दिल्ली के लिए यह समझौता नई बाजार संभावनाओं के दरवाजे खोलेगा। भारत का यूरोपीय यूनियन के साथ द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में लगभग 135 बिलियन डॉलर तक पहुँच चुका है। माना जा रहा है कि यूरोप 17 सितंबर को भारत को लेकर अपने नए व्यापारिक विजन की रूपरेखा पेश करेगा और औपचारिक घोषणा अगले महीने होने जा रही है।


विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम अमेरिका के उच्च टैरिफ और पैनल्टी के दबाव के बीच भारत के लिए रणनीतिक मोड़ साबित हो सकता है।


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